उन के कैमरे का लैंस
चटखा हुआ है.
मुझे बना के गुलाम
विविध मुद्रा
में
फोटो खींची हैं
उन लोगों ने
वही कैमरा से.
यह फोटो याने श्रुती और स्मृति
गीता और रामायण
चलती रही बस यही पारायण.
पर अब
मैं
अपने ही कैमरे से
खीच सकता हूँ
फोटो
उन के और मेरे
यथातथ ही.
इसलिए
ये लोग मचाते हैं शोरगुल ;
अलग कैमरा की जरुरत नहीं है,
अलग कैमरा की जरूरत नहीं है.
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