Monday, February 19, 2018

चाबूक और देह- सररियल अनुभूति



छब छबा छब
छब छबा छब
जल से खेले हाथ.
जल को लगे ?
हाथ को लगे ?
जल को लगे ?
 हाथ तो क्या उस जल को लगे ?
जल तो क्या उस हाथ को लगे ?
या तो फ़िर दोनों को लगे ?
 या तो फ़िर ना कुछ भी लगे
फ़िर भी होता
लगने का एहसास सटा सट
सट सटा सट
सटटआक सटटआक
सटटआक सटटआक
सट सटा सट  चाबूक उठे
देह के ऊपर
चाबूक उठे
उल्टी पुल्टी तडफडाती
देह के ऊपर चाबूक उठे
काली काली  देह के ऊपर
चाबूक उठे
देह को लगे ?
या तो फ़िर चाबूक को लगे ?
चाबूक क्या उस देह को लगे ?
देह क्या उस चाबूक को लगे ?
या तो फ़िर दोनों को लगे ?
 या तो फ़िर ना कुछ लगे पर
फ़िर भी होता
लगने का एहसास छबा छब
छब छबा छब
छब छबा छब
करता था वो कुन्ड में पहले
सट सटा सट
सट सटा सट
चाबूक ले के
झंझोड़ता  था आक को पहले
जिससे कि पकता था चमड़ा
झंझोड़ता था वह आक को पहले
भूल गया था शहर जा कर
छोरा वो चमार का साला
‘ सिंह ‘  और  ‘कायस्थ’
‘सिंह’ और ‘कायस्थ’
लिखने लगा
शहर जा कर
नाम औरों के  रखने लगा
काम औरों के करने लगा
पढ़ने लगा
दूजों को पढाने लगा
बड़े बड़े होल को भी वो
तानसेन का तानपूरा लेकर
संगीत से सजाने लगा
तानारीरी तानारीरी
तालीओं की वो
गडगडाहट पाने लगा
आस्मानों में उड़ने लगा
पाब्लो को पचाने लगा
तालियों की वो
गडगडाहट पाने लगा
सीडीयों  उपर सीडीयाँ रखके
ऊँचे ऊँचे चड़ने लगा
पाब्लो को पचाने लगा
क़ानून मंत्री हो कर वो  तो
संविधान रचाने लगा
साला अछूत लिखने लगा
पढ़ने और पढाने लगा
काम औरों के करने लगा
हँसुआ ले कर लड़ने लगा
नाम औरों के रखने लगा
अपनों को वो गढ़ने लगा
हँसुआ ले कर लड़ने लगा
काम औरों के करने लगा
सब को ये अखरने लगा
‘सिंह’ और ‘कायस्थ’
‘सिंह’ और ‘कायस्थ’
शहर जा कर लिखने लगा
चढ़ने लगा गढ़ने लगा
लड़ने और अखरने लगा
लड़ने ठक ठक
ठक ठका ठक
ठक ठका ठक
भीतर होता जाये ठका ठक            
दीवारें टकराये ठका ठक
घन हो के टकराये ठका ठक
कच्चड कच्चड कुचल डालो
राइ का दाना
भीतर में टकराए ठका ठक
साँप को कच्चड कुचल डालो
घन हो के टकराए ठका ठक
शत्रु को उगते ही काटो
कातर कच कच
भीतर चलती जाये ठका ठक
चड़ते चड़ते
नाम बदलते
काट ही डालो
सीधा आड़ा
काट ही डालो
भीतर होता जाये ठका ठक
खच्चाक खच्चाक चलने लगे
भीतर में तलवार ठका ठक
चाबूक चलाओ ठक ठका ठक
चाबूक चलाओ
ठच्चाक ठच्चाक छब छबा छब
चाबूक चलाओ
लीक बनाओ लीक बनाओ
लीक के ऊपर
देह पड़ी है काली काली
चाबूक चले सट सटा सट
सटटआक सटटआक
सटटआक सटटआक
सट सटा सट
काले भंमर जल के परे
चाबूक चले
छब छबा छब
छब छबा छब
काली भंमर देह के परे
देहको लगे ?
या तो फ़िर चाबूक को लगे ?
जल को लगे ?
ठक ठका ठक
हाथ को लगे ?
या तो फ़िर चाबूक को लगे ?
ठक ठका ठक
छब छबा छब 
देह को लगे ?
ठच्चाक ठच्चाक  छब छबा छब
कच कच कच कच
कच्चड कच्चड
छब छब सटटाक ठक ठका ठक
चड़ने गड़ने
लड़ने चड़ने
जल को लगे ?
छब छबा चाबूक को लगे ?
या तो फ़िर कुछ भी लगे ना
फ़िर भी लगे
लगने का एहसास
खचा खच
कच्चड कच्चड
ठक ठक ठक ठक
ठक ठक ठक ........ ?

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